घर से निकले

घर से निकले थे हौसला करके
लौट आये खुदा खुदा करके

दर्द दिलका लगे वफ़ा करके
हमने देखा है तजुरबा करके

जिंदगी तो कभी नही आई
मौत आई जरा जरा करके

लोग सुनते रहे दिवार की बात
हम चले दिल को रहरूमा करके

किसने पाया सुकून दुनिया मे
जिन्दगानी का सामना करके

राजेश रेड्डी.

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