जब कभी तेरा नाम लेते है
दिल से हम इंतिकाम लेते है
मेरे बरबादियों के अफ़साने
मेरे यारों के नाम लेते है
बस यही एक जुल्म है अपना
हम मोहब्बत से काम लेते है
हर कदम पर गिरे मगर सिखा
कैसे गिरतों को थाम लेते है
हम भटककर जुनूं की राहों मे
अक्ल से इंतिकाम लेते है
सरदार अंजुम
No comments:
Post a Comment