उर्दु साहित्य में ग़ज़लों का अपना एक अलग ही महत्त्व हैं।
ग़ज़लें जीवन के हर पहलू को स्पर्श करती आई है।
चाहे वो ख़ुशी हो या ग़म, प्यार हो या शिकवा गिला, यारी हो या दुश्मनी, जीवन के हर भाव को अपने शब्दों में बयाँ करती है ग़ज़लें।
यहाँ उर्दु तथा हिन्दी के कुछ जाने माने साहित्यकारों की रचनाओं को आप तक पहुँचाने कि एक कोशिश करना चाह रहा हूँ।
आशा है आप इसे बढ़ाने में अपनी राय एवं अपना योगदान ज़रूर देंगे।
दिन कुछ ऐसे गुजारता हैं कोई
दिन कुछ ऐसे गुजारता हैं कोई जैसे एहसान उतारता है कोई
दिल में कुछ यूं संभालता हैं ग़म जैसे जेवर संभालता हैं कोई
आईना देखकर तसल्ली हुई हम को इस घर में पहचानता हैं कोई
दूर से गुंजते हैं सन्नाटे जैसे हम को पुकारता है कोई गुलज़ार
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