मैं होश में था तो फिर उसपे मर गया कैसे
ये जहर मेरे लहू में उतर गया कैसे
कुछ उसके दिल में लगावट जरूर थी वरना
वो मेरा हाथ दबाकर गुजर गया कैसे
जरूर उसके तसव्वुर की राहत होगी
नशे में था तो मैं अपने ही घर गया कैसे
जिसे भुलाये कई साल हो गये कलीम
मैं आज उसकी गली से गुजर गया कैसे
कलीम कंधपुरी
3 comments:
thanks kailash ji
your's gajal "Me hosh me th..." aare very classic gajal I hope to post any ralated gajals.
जिसे भुलाये कई साल हो गये कलीम
मैं आज उसकी गली से गुजर गया कैसे
वाह उस्ताद मान गये आपको
जिसे भुलाये कई साल हो गये कलीम
मैं आज उसकी गली से गुजर गया कैसे
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