मुझे फिर वही याद

मुझे फिर वही याद आने लगे है
जिन्हे भुलाने में ज़माने लगे है

सुना है हमे वो भुलाने लगे है
तो क्या हम उन्हे याद आने लगे है?

ये कहना है उनसे मोहब्बत है मुझको
ये कहने में उनसे ज़माने लगे है

क़यामत यकिनन क़रीब आ गई है
'ख़ुमार' अब तो मस्जिद में जाने लगे है

ख़ुमार बाराबंकवी.

1 comment:

Unknown said...

why ur weste ur time
this is not well
please change urself